NEW STEP BY STEP MAP FOR HINDI KAHANIYAN

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hindi kahani short

जब सालों से परदेश गये पति उनके सामने खड़े थे वो रोते हुए उनसे लिपट गईं.

एक बार श्यामपट पर उन्होंने रेखा खीचकर विद्यार्थियों से पूछा कि – क्या इस रेखा को बिना मिटाए कोई छोटी कर सकता हैं?

उन्होंने मन ही मन विचार किया ये दोनों लड़ाई झगड़ा करके व्यर्थ में ही अपने प्राण ग्वानें पर तुले हुए हैं.

एक समय की बात है. एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज करता था. एक दिन उसके दरबार में एक विदेशी आगंतुक आया और उसने राजा को एक सुंदर पत्थर उपहार स्वरूप प्रदान किया.

यह सुनकर उस धनी युवक की आँखों से प्रेम की धारा बह पड़ी, और बेटी को गले लगा दिया. तभी वह मन ही मन सोचने लगा,

कुछ दिन बाद पड़ोसी राजा ने इस राजा पर चढ़ाई करने की सोची. उसने सीमा पर अपनी सेना जमा कर दी.

आ ही गये है तो परीक्षा देनी ही पड़ेगी. दानवों ने किवाड़ बंद किया लड्डुओं के थाल पर टूट पड़े.

और हम लोगों का सामूहिक विनाश भी नही होगा, क्युकि प्रजा पर कृपा करने वाला राजा निरंतर बढ़ोतरी प्राप्त करता हैं. सिंह उनकी बात मान गया.

तभी रत्नजड़ित आभूषणों और बहुमूल्य वस्त्रों से सुसज्जित महिला ने उनको बुलाया, वह उनकी ब्राह्मणी थी.

कुछ दिनों की यात्रा के बाद वो धनी युवक अपने शहर पंहुचा.

उधर उमा की उदंडता भी बढती ही जा रही थी, बया जैसे ही नया घौसला बनाती वह उन्हें गिरा कर जमीन पर तिनको को बिखेर डालती.

महात्मा जी को देखकर उनमें से एक व्यक्ति बोला- महात्मन ! हम दोनों भाई हैं. हमारे पिता ने मरते समय अपनी सम्पति का जो बंटवारा किया था, उसके अनुसार इस भूमि का मालिक मैं हूँ, फिर भी यह व्यर्थ में झगड़ा कर रहा हैं.

बहुत निहोरे किये तब भी वह न माना. कुछ देर बाद सामने के एक बिल से उन्दरा निकला. कुरज ने अपनी विवशता के मारे छटपटाते हुए, करुण स्वर में विनती की.

तुम लोग कौन हो और आपस में झगड़ा क्यों कर रहे हो?

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